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अंबेडकरनगर
गर्मी के तेवर और तल्ख होते जा रहे हैं। सोमवार को जिले का तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पूरा दिन तेज धूप ने जहां हाल-बेहाल कर दिया तो वहीं गर्म हवाएं भी शरीर को झुलसाती रहीं।
तपिश से बचने के लिए लोग तरह-तरह के जुगाड़ करते नजर आए। इस बीच तालाबों व पोखरों में पानी न होने से प्यास बुझाने के लिए पशु-पक्षी भी इधर-उधर भटकने को मजबूर हुए।
गर्मी में तापमान पिछले के सभी रिकाॅर्ड तोड़ता नजर आ रहा है। तपती गर्मी ने लोगों का हाल-बेहाल कर दिया है। सोमवार को चमकती धूप और गर्म हवाओं ने लोगों का बाहर निकलना दुश्वार कर दिया। चेहरे और शरीर कपड़ों से ढका होने के बावजूद सूरज की तपिश शरीर को झुलसा रही थी। रविवार को सुबह से ही तेज धूप निकल आई दोपहर होते-होते तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। आसमान से बरसती आग के बीच बाजारों व प्रमुख मार्गों पर सन्नाटा पसरा रहा।
शहजादपुर, बस स्टेशन क्षेत्र, नई सड़क के साथ ही बसखारी, जलालपुर, भीटी, टांडा समेत कई अन्य बाजारों में लगभग पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। जो लोग बाहर निकले भी तो कोई छांव तलाशता तो कोई पसीना पोंछता नजर आया। इसके साथ ही शिकंजी, बेल शर्बत, नींबू पानी, गन्ना जूस और पना जैसे पेय पदार्थों की दुकानों पर भीड़भाड़ नजर आई।
हर कोई खुद को तेज धूप व गर्म हवा से बचाने में लगा दिखा। कूलर व पंखे से गर्म हवाएं निकल रही थीं। कुछ लोग तो फर्राटा पंखे के पीछे भीगा कपड़ा टांगकर ठंडी हवा पाने की कोशिश में लगे नजर आए। पक्के मकानों की दीवारों से निकल रही तपिश से बचने के लिए लोग घर के बाहर पेड़ की छाया की तलाश करते दिखे।
प्यास से परेशान हो रहे बेजुबान
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भीषण गर्मी से मवेशी भी परेशान हैं। उनके सामने प्यास बुझाना भी बड़ी चुनौती है। दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर तालाब सूखे पड़े हैं। उसमें धूल उड़ रही है। ऐसे में मवेशियों को प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता आशुतोष पाठक ने आम लोगों से अपील किया कि वे अपने-अपने घरों के बाहर व छत पर बड़े बर्तन में पानी रखें। समय-समय पर पानी बदलते भी रहें, इससे मवेशियों को प्यास बुझाने में आसानी होगी। कहा कि हम सब तो किसी प्रकार से गर्मी से बच रहे हैं, लेकिन मवेशियों को गर्मी से बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।
काश! हरी-भरी होती धरती
अकबरपुर नगर के मीरानपुर निवासी 85 वर्षीय फलमती व महरुआ निवासी 75 वर्षीय झिनकू ने कहा कि हमने अपनी अब तक की जिंदगी में इतनी गर्मी नहीं देखी। पहले जगह-जगह छायादार पेड़ लगे होते थे। गर्मी में लोग पेड़ के नीचे बैठते थे। तालाब व पोखरों में पानी भरा रहता था। अब सब कुछ बदल गया है। शहर की बात छोड़िए, गांवों में भी पेड़ों की संख्या कम हो गई है। हरी घास बहुत कम देखने को मिलती हैं। समुचित बारिश न होने से तालाब सूखे पड़े हैं। ऐसे असंतुलन के चलते ही तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है।
बरतें विशेष एहतियात
सीएमओ डॉ. राजकुमार ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए विशेष एहतियात बरतें। मसालेदार व तली भुनी खाद्य सामग्रियों के सेवन से परहेज करें। हरी सब्जियों का अधिक प्रयोग करें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। तनिक भी लू लगने का लक्षण दिखे तो तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। अत्यंत जरूरी काम पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें।